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लिखी नहीं मुद्दत से कोई नज्म कलम ने।
डर है कोई न बेंच दे मेरे ग़म बाज़ार में
उठाकर फूल की पत्ती उसने बङी नजाकत से मसल दी,
इशारो इशारो मेँ कह दिया की हम दिल का ये हाल करते है
Ankahi Shayari
क्या सिर्फ इतना ही प्यार था हम सब में यारो,
साथ बैठना छोड़ दिया तो याद करना भी छोड़ दिया
हर कोई देता है ज़ख़्म गिन गिन कर बे-वजह,
अब तुम ही बताओ मैं किस किस को अपना नसीब समझूं

हालत है मेरी अपने देश के हालात जैसी,
बुरा इतना भी नहीं हूं जितना बताया जा रहा हूं
Ankahi Shayari In Hindi
अगर दुश्मन सिर्फ़ समझाने से समझते तो…
बांसुरी बजाने वाला कभी महाभारत नहीं होने देता
ना देखो समन्दर को यूँ टिक-टिकी बाँधे,
तरस खाओ समन्दर पर,…समन्दर डूब जायेगा

जब तक हम किसी के हमदर्द नहीं बनते..
तब तक दर्द हमसे और हम दर्द से जुदा नहीं होते
Hindi Ankahi Shayari
रंजिशें है अगर दिल में कोई तो खुल कर गिला करो,,,
मेरी फितरत ऐसी है कि कि मै फिर भी हस कर मिलूँगी
मैं खुद की ख्वाहिशों को जता नहीं पाया,
मसला कुछ यों था कि मैं खामोश बहुत था
हुई जो शाम तो कहने लगी थकन मुझसे
ज़रूरतों के तक़ाज़े नहीं हुए पूरे

मन की बात कह देने से फैसले हो जाते हैं…
और मन में रख लेने से फासले हो जाते हैं
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किताब -ए -दिल का कोई भी पन्ना सादा नहीं होता
निगाह उस को भी पढ़ लेती है, जो लिखा नही होता
तेरी दास्तां-ए-हयात को लिखुँ किस गजल के नाम से
तेरी शौखियां भी अजीब है,तेरी सादगी भी कमाल है
देखते देखते वो क्या से क्या हो गया
वो मेरा पता था आज ख़ुद लापता हो गया
खूब करता है, वो मेरे ज़ख्म का इलाज
कुरेद कर देख लेता है और कहता है वक्त लगेगा
किसी कीमत पे हो लेकिन एक बार तेरा दीदार हो जाये…
फिर उसके बाद चाहे यह मेरी नजर बेकार हो जाये

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समय को बस थोड़ा समय चाहिए,
फिर समय हर प्रकार के समय को बदल देगा
पाने की बेकरारी और खोने की दहशत,
इन्हीं बेचैनियों का नाम है मोहब्बत
कितने दिन गुजर गये और तुमने याद तक ना किया.,
मुझे नहीं पता था की इश्क़ में भी छुट्टीयां होती है