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ज़िन्दगी अपने आप को ढूंढने का नाम नहीं है,
बल्कि ज़िन्दगी अपने आप को बनाने का नाम है
Zindagi Apne Aap Dhoodhne Ka Naam Nhi Hai
Balki Zindagi Apne Aap Ko Bnane Ka Naam Hai
Very Sad Shayri

बिना कुछ किये ज़िन्दगी गुज़ार देने से कहीं अच्छा है
ज़िन्दगी को गलतियां करते गुज़ार देना
Bina Kuch Kiae Zindagi Guzaar Dene Se Accha Hai
Zindagi Ko Galtiya Karte Guzaar Dena

लफ्ज़ और उनको बोलने का लहज़ा ही होते हैंइंसान का आईना,
शक्ल का क्या हैवो तो उम्र और हालात के साथ, अक्सर ‘बदल’ जाती है
Lafz Aur Unke bolne Ka Lahza Hi Hote Hai Insaan Ka Aayna
Sakl Ka Kya Hai Wo To Umr Aur Haalat Ke Sath Aksaar Badal Jati Hai

सफलता की वह ऊंचाई किसी अभिशाप से कम नहीं
जो इंसानियत और दयाभाव खोकर प्राप्त की गई हो
SFALTA KI WOH UCHAI KISI ABHISAAP SE KAM NHI
JO INSANIYAT AUR DYAWAN KHOKAR PRAPT KI GAI HO

हमें आने वाले कल से अपने आप अच्छे होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए
बल्कि आज की गयी मेहनत और तैयारी ही उसे अच्छा बना सकती है
ज़िन्दगी काफी तेज़ी से आगे बढ़ती रहती है,
अगर आप थोड़े समय के लिए भी रुके तो पीछे छूट जाओगे
Zindagi Kafi Tezi Se Aage Badhti Ja Rahti Hai
Agar Aap Thode Smay Ke Liae Bhi Ruke To Peche Choot Jaaoge

अपनी ज़िन्दगी को सिर्फ आप स्वयं बदल सकते हो,
ये कार्य आपके लिए कोई और नहीं कर सकता
Apni Zinagi Ko Sirf Aap Khud Bdal Sakte Ho
Ye Kaam Aap Ke Siwa Koy Aur Nhi Kar Sakta

अगर आप के अंदर आत्मविश्वास की कमी हो जाती है
तो ये दुनिया डरावनी नज़र आती है
AGAR AAP KE ANDAR AATMVISHWASH KI KAMI HO JATI HAI
TO YE DUNIYA DRAWANI NAJAR AATI HAI

जब खिज़ां आएगी तो लौट आएगा वो भी ” फ़राज़ “
वो बहरों में ज़रा कम ही निकला करता है
बड़ी मुश्किल से सुलाया था खुद को “फ़राज़” मैंने आज
अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का लालच दे कर
यही सोच कर उस की हर बात को सच माना है “फ़राज़ “
के इतने ख़ूबसूरत लव झूट कैसे बोलेंगे .

तस्कीन न हो जिस से वो राज़ बदल डालो
तस्कीन न हो जिस से वो राज़ बदल डालो
जो राज़ न रख पाए हमराज़ बदल डालो
तुम ने भी सुनी होगी बड़ी आम कहावत है
अंजाम का जो हो खतरा आग़ाज़ बदल डालो
पुर-सोज़ दिलों को जो मुस्कान न दे पाए
सुर ही न मिले जिस में वो साज़ बदल डालो
दुश्मन के इरादों को है ज़ाहिर अगर करना
तुम खेल वही खेलो अंदाज़ बदल डालो
ऐ दोस्त करो हिम्मत कुछ दूर सवेरा है
अगर चाहते हो मंज़िल तो परवाज़ बदल डालो

वो गया तो साथ ही ले गया सभी रंग उतार के शहर के
कोई शख्स था मेरे शहर में किसी दूर पार के शहर का
चलो कोई दिल तो उदास था , चलो कोई आँख तो नम थी
चलो कोई दर तो खुला रहा शब-ऐ-इंतज़ार के शहर का

इतना आसान था तेरे हिजर में मरना जाना
फिर भी एक उम्र लगी जान जाते जाते
उसकी वो जाने उसे पास -ऐ -वफ़ा था के न था
तुम तो फ़राज़ अपनी तरफ से निभाते जाते

मैं नहीं तो कोई और साहिल पे उतर जायेगा
जिंदगी तेरी अथाह है तो येह जाने वाला
तेरी बकसीस तेरी दल्लीज पर धर जायेगा
जब्त जाजिम है मगर दुःख है क़यामत का फ़राज़
जालिम अब के न रोयेगा तो मर जायेगा
प्यार में एक ही मौसम है बहरों का ” फ़राज़ “
लोग कैसे मौसमों की तरहं बदल जाते हैं

जो लोग सफ़र की शुरुआत करते हैं वे मंज़िल भी पा लेते हैं
बस एक बार आगे होकर चलने का हौंसला जरूरी होता है,
क्योंकि हिम्मती और बुलंद हौंसले वाले इंसानों का तो रास्ते भी इंतज़ार करते हैं

इंसान को कभी भी घमंड और अभिमान नहीं करना चाहिए,
भगवान ने जाने कितने अभिमानी लोगों को मिट्टी से बनाकर मिट्टी में मिला दिया
Insan Ko Kabhi Bhi Ghamand Aur Abhimaan Nhi Karni Chahiae
Bhagwaan ne Naa Jaane Kitne Abhimani Logo Ko Mitti Se Bnakar Mitti Me Mila Diya

इंसान अच्छा या बुरा नहीं होता,
बस वक्त अच्छा और बुरा होता है
Insan Acha Ya Bura Nhi Hota
Bas Waqt Acha Aur Bura Hota Hai
हाथ की लकीरों की ताक़त का अंदाजा इस बात से लगया जा सकता है
की वे मुट्ठी में बंद होकर भी काबू में नहीं होती
Haat Ki Lakeero Ki Takat Ka Andaaz Es Baat Se Lgaya Ja Sakta Hai
Ki Wo Mutthi Me Band Hokar Bhi Kaboo Me Nhi Hoti
दुनिया की सबसे अच्छी किताब हम स्वयं होते हैं,
खुद को समझ लीजिए सब समस्याओं का समाधान हो जाएगा
Duniya Ki Sabse Acchi Kitaab Aap Khud Hote Hai
Khud Ko Smajh Lijiae Smasyaao Ka Smadhaan Ho Jaaega
Aag Lagana Meri Fitrat Mein Nahi Hai
Meri Saadgi Se Log Jale Toh Mera Kya Kasoor
आग लगाना मेरी फितरत में नही है
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर